उत्तराखंड के टिहरी झील में कई विकास योजनाएं धरातल पर उतरने वाली है। बताया जा रहा है कि जिले 7708 करोड़ की लागत से टिहरी झील विकास परियोजना को धरातल पर उतारा जाएगा। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा इस परियोजना की डीपीआर तैयार किया जा रहा है। परियोजना निर्माण से जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं, टिहरी जिले के 173 गांवों के 84 हजार आबादी को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा।
मिली जानकारी के अनुसार गढ़ी कैंट स्थित उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सभागार में पर्यटन मंत्री ने पर्यटन और संस्कृति विभाग के कार्यों की समीक्षा के साथ 7708.27 करोड़ की लागत से टिहरी झील के चारों ओर रिंगरोड हेतु फिजीबिलिटी, संरेखण, सर्वेक्षण, भूमि अधिग्रहण की अभी तक की प्रगति की भी समीक्षा की। मंत्री ने बताया, टिहरी झील के 42 किमी क्षेत्रफल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। कहा, प्रस्तावित रिंग रोड के निर्माण से देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों के लिए टिहरी पहुंचना आसान होगा। झील में सालभर जलक्रीड़ा और साहसिक खेलों का आयोजन को बढ़ावा मिलेगा। इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। कहा, वर्तमान में परियोजना की फिजिबिलिटी सर्वेक्षण के लिए कार्य किया जा रहा है। परियोजना में कोठी से डोगरा चांटी पुल तक के क्षेत्र को विकसित करने को विभाग डीपीआर तैयार कर रहा है।
वहीं उन्होंने कहा, झील के चारों ओर सड़क का निर्माण और पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं के विकास कार्य किए जाएंगे। कहा, परियोजना के बनने से 173 गांव की लगभग 84 हजार लोगों को लाभ मिलेगा। साथ ही रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। कहा, चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्री भी रिंग रोड का मुख्य व वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग कर सकेंगे। वहीं कैबिनेट मंत्री महाराज ने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभाग में पंजीकृत कलाकारों के लंबित भुगतान शीघ्र किया जाए। इसके अलावा राजकीय मेलों को मिलने वाले अनुदान का भुगतान तत्काल करें।