नई दिल्ली। आमलकी एकादशी (amalaki ekadashi puja vidhi) का विशेष महत्व है। यह पर्व शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के साथ धन की देवी यानी मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्री हरि की पूजा भाव के साथ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में बरकत का वास होता है। तो आइए इस व्रत से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं –
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आमलकी एकादशी शुभ मुहूर्त
आमलकी एकादशी (amalaki ekadashi puja vidhi) की शुरुआत 20 मार्च दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 21 मार्च, 2024 दोपहर 02 बजकर 22 मिनट पर होगा, जो जातक इस दिन का उपवास रख रहे हैं वे 21 मार्च को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट से 3 बजकर 32 मिनट तक के बीच अपना पारण कर सकते हैं।
आमलकी एकादशी पूजा विधि
- आमलकी एकादशी के दिन सुबह स्नान करें।
- भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद पूजा घर को साफ करें।
- एक वेदी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
- भगवान का पंचामृत से स्नान करवाएं।
- पीले फूलों की माला अर्पित करें।
- हल्दी या फिर गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
- पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं।
- विष्णु जी का ध्यान करें।
- पूजा में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें।
- अंत में आरती करें।
- पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
- गरीबों व जरूरतमंदों को भोजन कराएं और उनकी मदद करें।
- अगले दिन सुबह पूजा-पाठ के बाद अपना व्रत खोलें।
भगवान विष्णु पूजन मंत्र
- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
- ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।