समाज़ सेवा हो तो ऐसी..सेवादारी मंडल जैसी…
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर सेवा एक ऐसी क्रिया है जिसके रूप अनेक हैं,परंतु मंजिल एक ही है,कि सृष्टि के प्राणियों…
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर सेवा एक ऐसी क्रिया है जिसके रूप अनेक हैं,परंतु मंजिल एक ही है,कि सृष्टि के प्राणियों…
“सतगुरु सम कोई नहीं, सात द्वीप नौ खंड। तीन लोक ना पाइए, अरु इक्कीस ब्रह्मण्ड।” अर्थात, सात द्वीप, नौ खंड,…
अपने विद्यार्थी-जीवन में मनाए गए उस शिक्षक-दिवस को हम सभी याद करते हैं जब हम अपने शिक्षकों को खुश किया…