पंजाब: विधानसभा में आप विधायक की मांग- सरकार शुरू करे अफीम की खेती

Punjab news today

पंजाब विधानसभा में गुरुवार को बजट सत्र के पांचवें दिन सत्ताधारी पार्टी (Punjab news today) के विधायकों ने सिंथेटिक ड्रग पर नकेल कसने के लिए प्रदेश में अफीम की खेती शुरू करने और अफीम के ठेके खोलने की मांग की। आप विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा द्वारा सदन में यह मुद्धा उठाने पर पूरे सदन में पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने भी हंसते हुए पठानमाजरा से कहा कि वह एक-दो दिन में उन्हें यह रिपोर्ट उपलब्ध कराएं कि पंजाब में पहले-पहल चलने वाले अफीम के ठेकों को कब और क्यों बंद किया गया था।

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अफीम की खेती और ठेके खोलने के बारे में पठानमाजरा (Punjab news today) ने सरकार से सवाल किया कि राज्य सरकार सूबे में अफीम की खेती करने पर विचार कर रही है? उन्होंने कहा कि आज स्मैक और नशीली गोलियों के कारण फैले नशे की वजह से पंजाब की जवानी खत्म हो रही है। पुराने लोग जो रिवायती नशे करते थे, वह उसके साथ अपने सभी काम भी करते थे। खेती भी करते थे और आज तक ऐसी कोई खबर सामने नहीं आई कि अफीम या भुक्की खाने से किसी की मौत हुई हो।

पठानमाजरा ने यह भी कहा कि अगर पंजाब सरकार की खेती शुरु करने की कोई योजना नहीं है तो अफीम के ठेके जरूर खोले जाएं। पठानमाजरा द्वारा उठाए गए मुद्दे का समर्थन करते हुए आप विधायक मनजीत सिंह बिलासपुर ने कहा कि बीते 15 साल से पंजाब चिट्टे की समस्या से जूझ रहा है, जिसने पंजाब की नौजवानी को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।

उन्होंने कहा कि सरकार को अफीम की खेती शुरू करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि वैद्य और डॉक्टर भी अब कई बीमारियों में इसका सेवन करने की सलाह देते हैं। विधायक कुलवंत सिंह बाजीगर ने भी अफीम की खेती की मांग करते हुए कहा कि सिंथेटिक ड्रग ने पंजाब में बड़ी संख्या में घर बर्बाद कर दिए हैं और कई माताओं ने बेटे गंवा दिए हैं। बाजीगर ने कहा कि उन्हें लगता है कि सभी सदस्य भी इसके पक्ष में हैं।

इस पर कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने मुस्कुराते हुए कहा कि हालांकि इस मांग से सभी सदस्य सहमत नजर आ रहे हैं। विपक्ष के सदस्य भी बोल नहीं रहे लेकिन सहमत दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैसे उनकी उम्र भी उस तरफ जा रही है, जहां उन्हें भी इसकी जरूरत पड़ सकती है लेकिन फिलहाल सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार इसकी खेती को भी एक तरह का नशा मानती है।