World Stroke Day 2025: मैक्स हॉस्पिटल देहरादून में स्ट्रोक से बचाव पर जागरूकता कार्यक्रम

देहरादून: हर साल 29 अक्टूबर को मनाए जाने वाले वर्ल्ड स्ट्रोक डे (World Stroke Day) के अवसर पर मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने लोगों को स्ट्रोक की रोकथाम, शुरुआती पहचान और समय पर उपचार के प्रति जागरूक किया।

वर्ल्ड स्ट्रोक डे (World Stroke Day) पर मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने लोगों को किया जागरूक

इस वर्ष की थीम रही — “रोकथाम की शक्ति: अपने दिमाग की रक्षा करें” (The Power of Prevention: Protect Your Brain) — जो जीवनशैली में छोटे लेकिन निरंतर बदलावों से स्ट्रोक का खतरा कम करने पर जोर देती है।

हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. शमशेर द्विवेदी ने कहा कि “स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है, जो किसी को भी कभी भी हो सकती है। यह तब होता है जब दिमाग में रक्त प्रवाह रुक जाता है, जिससे कुछ ही मिनटों में मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं।”

उन्होंने बताया कि स्ट्रोक की पहचान के संकेत — बैलेंस बिगड़ना, आँखों में धुंधलापन, चेहरा लटकना, बाँह में कमजोरी और बोलने में कठिनाई — को पहचानना बेहद ज़रूरी है।

उन्होंने BE FAST (Balance, Eyes, Face, Arms, Speech, Time) सिद्धांत को अपनाने की सलाह दी, जो समय पर उपचार से जीवन बचाने में सहायक है।

डॉ. नितिन गर्ग, सीनियर कंसल्टेंट, न्यूरोलॉजी विभाग ने कहा कि “संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल व मधुमेह को नियंत्रित रखना स्ट्रोक से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।”

उन्होंने बताया कि लगभग 90% स्ट्रोक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और जोखिम कारकों — जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटीज, मोटापा, धूम्रपान और निष्क्रियता — को नियंत्रण में रखकर रोके जा सकते हैं।

मैक्स हॉस्पिटल ने लोगों से अपील की कि वे नियमित हेल्थ चेकअप, संतुलित आहार, और सकारात्मक जीवनशैली अपनाकर अपने मस्तिष्क की रक्षा करें।अस्पताल का मानना है कि समय पर इलाज, पुनर्वास और परिवार के सहयोग से स्ट्रोक पीड़ित व्यक्ति फिर से स्वतंत्र और संतोषजनक जीवन जी सकते हैं।