उधमपुर संसदीय सीट के बाद जम्मू लोकसभा सीट के लिए 26 अप्रैल को मतदान (jammu voting) होना है। इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जम्मू, सांबा, रियासी और राजोरी के कुछ हिस्सों में अर्धसैनिक बलों की बड़ी तैनाती की गई है।
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इसके अलावा सभी थानों के एसएचओ (jammu voting) से कहा गया है कि वह अगले 4 दिन तक अपने क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे। वहीं पुलिस के उच्च अधिकारी भी लगातार क्षेत्र में निगरानी कर रहे हैं। करीब 40 हजार सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में 26 अप्रैल को मतदान होगा। वहीं बार्डर पर भी अलर्ट जारी किया गया है।
राजनीतिक दल प्रचार-प्रसार में जुटे
चुनाव प्रचार में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने ताकत झोंक दी है। मतदाताओं को रिझाने के लिए बूथ और डोर टू डोर अभियान शुरू किए गए हैं। इसमें लोगों तक पहुंचकर पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में वोट मांगे जा रहे हैं। इस सीट पर प्रमुख रूप से राष्ट्रीय दलों में भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर देखी जा रही है।
22 प्रत्याशी मैदान में
26 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए 22 प्रत्याशी मैदान में हैं। वहीं, भाजपा और कांग्रेस की ओर से आगामी दिनों में किसी बड़े स्टार प्रचार के आने की उम्मीद कम दिख रही है, क्योंकि देशव्यापी स्तर पर लगभग स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार के लिए व्यस्त हैं।
18 विधानसभा क्षेत्रों में फैली जम्मू सीट, 2416 मतदान केंद्र बने
जम्मू संसदीय सीट के लिए 18 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1780738 मतदाता हैं, जिसमें 921053 पुरुष और 859657 महिलाएं हैं। इस सीट पर 28 थर्ड जेंडर और 18 से 19 आयु वर्ग में 66378 मतदाता शामिल हैं। इनमें कई पहली बार अपने मत का प्रयोग करेंगे। निर्वाचन क्षेत्रों में 2416 मतदान केंद्रों में 1750 ग्रामीण और 666 शहरी क्षेत्रों में स्थापित हैं।
पहली बार जुड़ा रियासी
जम्मू संसदीय सीट में पहली बार रियासी जिले के गुलाबगढ़, रियासी और नए श्री माता वैष्णो देवी विधानसभा क्षेत्र को शामिल किया गया है। इसके अलावा सांबा, जम्मू विधानसभा क्षेत्रों के अलावा राजोरी से कुछ हिस्सा शामिल है।
भाजपा की ओर से प्रत्याशी जुगल किशोर शर्मा को तीसरी बार उतारा गया है, जबकि प्रमुख प्रतिद्वंद्वी में कांग्रेस की ओर से रमण भल्ला मैदान में हैं। 2019 के चुनाव में भी जुगल के बाद रमण भल्ला ने सर्वाधिक वोट लिए थे। इस सीट पर इंडिया ब्लाक से नेकां ने कांग्रेस को समर्थन देकर अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने और अनुच्छेद 370 के तहत विशेष स्थिति को रद्द करने के बाद पहली बार प्रदेश में संसदीय चुनाव करवाए जा रहे हैं।
ईवीएम की कमीशनिंग का काम पूरा
जम्मू संसदीय सीट के चुनाव के लिए ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) की कमीशनिंग (राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह स्थापित करने) का काम पूरा कर लिया गया है। जम्मू जिला में 1488 पोलिंग बूथ रहेंगे।
इसमें प्रत्येक में करीब चार मशीनें रहेंगी। इसमें एक मशीन सीयू (कंट्रोल यूनिट), वीवीपीएटी (वोटर वेरिफेवल पेपर आडिट ट्रायल) और बीयू (बैलेट यूनिट) मशीन होगी। इससे सभी पोलिंग बूथों पर करीब 5952 मशीनें स्थापित होंगी। इसके अलावा स्टैंडबाय में 30 प्रतिशत ईवीएम मशीनों में करीब 1785 मशीनें रखी जाएंगी। एक ईवीएम मशीन पर अधिकतम 16 राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह लोड किए जाते हैं, जिससे प्रत्येक पोलिंग बूथ पर दो ईवीएम मशीनों पर लोग मतदान कर सकेंगे।