THDC India Ltd द्वारा ‘जलविद्युत क्षमता के दोहन’ पर लहर कॉन्क्लेव का सफलतापूर्वक आयोजन

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ऋषिकेश : टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड देश के विद्युत क्षेत्र के अग्रणी सार्वजनिक उपक्रम ने अपने कॉर्पोरेट कार्यालय( lahar conclave thdc), ऋषिकेश में लहर कॉन्क्लेव (लार्ज हाइड्रो एक्टिव रीच आउट), 2024 का सफलतापूर्वक आयोजन किया। कॉन्क्लेव ने भारत के जलविद्युत क्षेत्र की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण नवाचारों को प्रदर्शित करने एवं विचार-विमर्श हेतु एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में भूमिका निभाई। कॉन्क्लेव का उद्घाटन टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एवं लहर समिति के अध्यक्ष, आर. के. विश्नोई द्वारा किया गया।

विश्नोई ने मनोज त्रिपाठी, अध्यक्ष, बीबीएमबी, शैलेंद्र सिंह, निदेशक(कार्मिक), टीएचडीसीआईएल एवं ए. के. दिनकर, सचिव, सेंट्रल बोर्ड ऑफ इरिगेशन एंड पावर (सीबीआईपी) के साथ मिलकर कॉन्क्लेव का औपचारिक शुभारंभ दीप प्रज्‍ज्‍वलन के साथ किया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आर. के. विश्नोई ने उपस्थित सभी को संबोधित करते हुए देश के विद्युत परिदृश्य में जल विद्युत की महत्वपूर्ण भूमिका और जल विद्युत क्षेत्र के लिए एक सामूहिक ब्रांडिंग पहल( lahar conclave thdc) के रूप में लहर कॉन्क्लेव के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने जलविद्युत विकास के प्रति सकारात्मक सामुदायिक सक्रियता को बढ़ावा देने, प्रचलित नकारात्मक धारणाओं का सामना करने और राष्ट्रीय विकास के लिए सतत प्रथाओं को बढ़ावा देने के कॉन्क्लेव के लक्ष्यों को रेखांकित किया।

विश्नोई ने टीएचडीसी की रणनीतिक पहलों जिनका उद्देश्य जलविद्युत क्षमता का जवाबदेही के साथ सतत रूप से दोहन करना है, पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने जलविद्युत परियोजनाओं की प्रगति और राष्ट्रीय विकास में योगदान हेतु सहयोग, उच्‍चतम प्रयास साझा करने और नए अवसरों की खोज की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। बीबीएमबी के अध्यक्ष, मनोज त्रिपाठी ने जलविद्युत क्षेत्र में सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कॉन्क्लेव की भूमिका को रेखांकित किया। साथ ही उन्होंने नीतिगत ढांचे पर चर्चा करने और सतत जलविद्युत विकास की सुनिश्‍चितता निर्धारित करने के लिए सरकारी निकायों, निजी कंपनियों, वित्तीय संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों और स्थानीय समुदायों सहित हितधारकों के एक विविधायुक्‍त समूह को एक साथ लाने में कॉन्क्लेव की महत्‍ता पर प्रकाश डाला।

शैलेन्द्र सिंह, निदेशक(कार्मिक) ने भारत में जलविद्युत की क्षमता की तलाश करने एवं उसका अधिकतम दोहन करने के लिए एक आधारशिला कार्यक्रम( lahar conclave thdc) के रूप में लहर कॉन्क्लेव के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कॉन्क्लेव उद्योग विशेषज्ञों, हितधारकों और संस्‍थान प्रमुखों को पर्यावरणीय विचारों से लेकर तकनीकी प्रगति तक के क्षेत्र की चुनौतियों के नवीन समाधानों पर एकजुट होने, विशेष जानकारी साझा करने एवं सहयोग करने के लिए एक महत्‍वपूर्ण मंच प्रदान करता है। कॉन्क्लेव में एनएचपीसी, एसजेवीएन, एनटीपीसी, नीपको, बीबीएमबी, डीवीसी और सीईए सहित जल विद्युत क्षेत्र की विभिन्न प्रमुख संस्थाओं के लगभग 160 प्रतिनिधियों एवं प्रतिभागियों के साथ-साथ आईओसीएल, आईआईटी रूड़की जैसे प्रमुख संस्थानों के प्रमुखों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में जल विद्युत परियोजना प्रबंधन, पर्यावरणीय मंजूरी प्रक्रियाओं, भूमि अधिग्रहण चुनौतियों और समय पर परियोजनाओं की जटिलताओं पर नियंत्रण पाने की रणनीति जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यावहारिक दस्‍तावेजो के साथ प्रस्तुतियां शामिल थीं। कॉन्क्लेव का समापन सीबीआईपी के सचिव ए. के. दिनकर द्वारा दिए गए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। दिनकर ने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के आयोजन में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अमूल्य योगदान को स्वीकार करते हुए सभी सम्मानित अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

उन्होंने सतत ऊर्जा समाधानों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक संवाद, नवाचार और साझेदारी को बढ़ावा देने में कॉन्क्लेव की भूमिका पर जोर दिया। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, देश के ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही है, जो सतत जलविद्युत ऊर्जा के विकास और राष्ट्र के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की प्राप्‍ति के लिए समर्पित है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड नवाचार, विश्वसनीयता एवं पर्यावरणीय प्रबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से, निरंतर देश के लिए स्वच्छ एवं अधिक लचीले ऊर्जा भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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