जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लिखे बौद्ध मंत्र पर शंकराचार्य ने जताई नाराजगी
ऋषिकेश। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Avimukteshwaranand Saraswati Maharaj) महाराज चार दिवसीय उत्तराखंड प्रवास पर बुधवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। वह 18 नवंबर को बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर मौजूद रहेंगे। बुधवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर प्रेस से अनौपचारिक वार्ता में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि बदरीनाथ मंदिर के कपाट आगामी 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं। वे दूसरी बार बतौर शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
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उन्होंने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर बौद्ध मंत्र लिखे जाने पर नाराजगी (Avimukteshwaranand Saraswati Maharaj) जताई। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बड़ी संख्या में उत्तराखंड स्थित चार धामों गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरी नाथ और केदारनाथ धाम में श्रद्धालु आए। लेकिन यात्रियों के लिए और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा पर भी ध्यान केंद्रित किए जाने की आवश्यकता है।
इसकी शुरुआत ज्योर्तिमठ की ओर से विगत वर्ष से प्रारंभ हो गई है। वे स्वयं जल्द ही शीतकालीन पूजा स्थलों की यात्रा करेंगे। मौके पर ज्योतिर्मठ प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुदानंद, ब्रहमचारी श्रवानंद, मीडिया प्रभारी डॉ. बृजेश सती, चारधाम तीर्थ पुरोहित महा पंचायत के उपाध्यक्ष उमेश सती, डिमरी केन्द्रीय पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, सरस्वती विहार विकास समिति के अध्यक्ष पंचम सिंह बिष्ट, सचिव गजेंद्र भंडारी, अनूप फर्त्याल, मूर्तिराम बिजल्वान, दिनेश चंद्र जुयाल, प्रकाश रावत, भैरव सेवा के अध्यक्ष संदीप खत्री, अनिता थापा आदि उपस्थित रहे।
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