पटना: बिहार विधानमंडल (Bihar Legislature) का हंगामेदार बजट सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया और दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा में अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने जबकि विधान परिषद में सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने की घोषणा की।
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यह सत्र 12 फरवरी को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ (Bihar Legislature) आर्लेकर के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था और इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखे गए। नीतीश कुमार नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने सत्र के पहले दिन विश्वास मत प्राप्त किया तो वहीं विधानसभाध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को एक अविश्वास प्रस्ताव के जरिए उनके पद से हटा दिया गया। बाद में नंद किशोर यादव को नया अध्यक्ष चुना गया, जबकि नरेंद्र नारायण यादव को उपाध्यक्ष चुना गया। सत्र के दौरान, भाकपा (माले) के विधायक मनोज मंजिल को हत्या के एक मामले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया।
हंगामेदार माहौल के बावजूद, दोनों सदनों में 11 बैठकों के दौरान 12 विधेयक पारित किए गए। इन विधेयकों में बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक-2024, सार्वजनिक सुरक्षा प्रवर्तन विधेयक-2024, बिहार तकनीकी सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक, बिहार वैट संशोधन विधेयक और बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड विधेयक प्रमुख हैं। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि सत्र के दौरान विधानसभा को कुल 2,467 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें से 1,931 स्वीकार किए गए। उधर विधान परिषद में सभापति ठाकुर ने कहा कि 691 प्रश्न प्रस्तुत किए गए जिनमें से 595 को मंजूरी दी गई।