नई दिल्ली। कांग्रेस को राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा (Congress President Mallikarjun Kharge) चुनाव में बड़ा झटका लगा है। चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने 6 दिसंबर को विपक्षी गठबंधन की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, उनकी जगह जदयू की ओर से लल्लन सिंह और संजय झा बैठक में शामिल होंगे। इससे पहले ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल होने से पहले ही इनकार कर चुकी हैं। वहीं अखिलेश के भी इस बैठक में शामिल होने पर संशय बरकरार है।
भोपाल में कांग्रेस के उम्मीदवारों की बैठक
ममता बनर्जी ने इस बैठक में शामिल होने से इनकार करते हुए (Congress President Mallikarjun Kharge) कहा कि मुझे ‘ढ्ढहृष्ठढ्ढ्र’ गठबंधन की बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। किसी ने मुझे इस बैठक के बारे में नहीं बताया और ना ही इस संबंध में मुझे कॉल कर सूचित किया गया। उत्तरी बंगाल में मेरा 6 से 7 दिन का कार्यक्रम है। मैंने अन्य योजनाएं भी बनाई हैं। अगर अब वे मुझे बैठक के लिए बुलाते हैं, तो मैं अपनी योजनाएं कैसे बदल सकती हूं। वहीं, माना जा रहा है कि अखिलेश यादव भी इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, उनकी जगह सपा से रामगोपाल यादव शामिल होंगे।
इन राज्यों में हार के बाद विपक्षी पार्टियां न सिर्फ कांग्रेस पर निशाना साध रही हैं, बल्कि इन राज्यों में विपक्षी दलों से गठबंधन न करने का खामियाजा भी बता रही हैं। दरअसल, ढ्ढहृष्ठढ्ढ्र गठबंधन में शामिल रहते हुए भी सपा ने मध्यप्रदेश में अलग चुनाव लड़ा था। पार्टी ने करीब 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे।
लेकिन उत्साह से भरे कमलनाथ ने सपा से गठबंधन करने से इनकार कर दिया था। इसे लेकर अखिलेश ने नाराजगी जताई थी और कहा था कि लोकसभा चुनाव में साथ रहना है या नहीं, वह इस पर विचार करेंगे। एमपी में अखिलेश की पार्टी ने कांग्रेस को कई सीटों पर नुकसान पहुंचाया है। निवाड़ी ऐसी ही एक सीट है, जहां अगर एमपी में इंडिया अलायंस के गठबंधन तले चुनाव लड़ा जाता तो नतीजे बदल सकते थे।
उधर, तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद जदयू ने नीतीश कुमार को ढ्ढहृष्ठढ्ढ्र गठबंधन का चेहरा बनाने की मांग उठाई है। जेडीयू नेता निखिल मंडल ने कहा, ढ्ढ.हृ.ष्ठ.ढ्ढ.्र गठबंधन को अब नीतीश कुमार जी के अनुसार चलना चाहिए। कांग्रेस 5 राज्यों के चुनाव में व्यस्त होने की वजह से इंडिया गठबंधन पर ध्यान नहीं दे पा रही थी। अब तो कांग्रेस चुनाव भी लड़ ली, रिजल्ट भी सामने है। याद रहे नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के सूत्रधार है और वही इस नैया को पार करा सकते है।
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