देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रमेश पोखरियाल निशंक के द्वारा (Garima Dasauni) देहरादून के एक बड़े होटल में की गई प्रेस वार्ता का उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी द्वारा बड़ा और कड़ा पलटवार किया है। प्रदेश मुख्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में दसौनी ने कहा कि आज निशंक को भारतीय जनता पार्टी ने दूध में से मक्खी की तरह बाहर निकाल फेंका है, ऐसे में प्रेस वार्ता कर निशंक चर्चाओं में रहने का नाकाम प्रयास कर रहे हैं।
Politics News : हरिद्वार सीट पर बेटे के चुनाव प्रचार में उतरे हरदा
दसोनी (Garima Dasauni) ने निशंक द्वारा बीते दिनों दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई इंडिया गठबंधन की महारैली को भानुमती का पिटारा करार करने पर दसौनी ने पलटवार करते हुए कहा की इंडिया गठबंधन को भानुमती का पिटारा कहने वाले भाजपाई सूरमा पहले अपने गिरेबान में झांके और उत्तराखंड समेत पूरे देश में जिस तरह से उन्होंने स्वयं के दल को कूड़ा दान बना दिया है, हर दल से बागी दागी लोगों को ले जाकर अपने कार्यकर्ताओं के ऊपर थोपने का काम किया है उसका परिणाम उन्हें आने वाले दिनों में भुगतना पड़ेगा।
दसौनी ने कहा कि भाजपा कितनी हताश निराश और बदहाल है इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसे न तो स्वयं पर, ना स्वयं की नीतियों पर और न स्वयं के कार्यकर्ताओं पर विश्वास रह गया है और आज लोकसभा चुनाव की बैतरणी पार करने के लिए दूसरे दलों से आयात किए हुए नेताओं पर निर्भर रहना पड़ रहा है। रमेश पोखरियाल निशंक के परिवारवाद वाले आरोप पर दसौनी ने कहा कि निशंक दूसरों पर पत्थर फेंकने से पहले अपने कांच का घर देखना न भूलें।
दसौनी ने निशंक से सवाल करते हुए कहा की अगर हिम्मत है तो टिहरी से भाजपा प्रत्याशी रानी राजलक्ष्मी की पारिवारिक पृष्ठभूमि बताने की हिम्मत करें निशंक। पिथौरागढ़ की चन्द्रा पंत ,बागेश्वर की पार्वती दास, कैंट विधानसभा की सविता कपूर, सल्ट के महेश जीना, थराली की मुन्नी देवी, जौनसार की मधु चौहान समेत विकास भगत, नेहा जोशी , इत्यादि की राजनीतिक पृष्ठभूमि भी बताने का कष्ट करें निशंक तो बड़ी कृपा होगी। दसौनी ने कहा कि निशंक आज प्रेस वार्ता कर अपनी उपलब्धियां गिनाने का नाकाम प्रयास तो कर रहे हैं
परंतु अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत? दसौनी ने कहा की यही उपलब्धियां उन्हें अपने हाई कमान को गिनाने की जरूरत है क्योंकि उनका टिकट हरिद्वार से इन तमाम उपलब्धियां के बावजूद उनकी ही पार्टी के हाई कमान ने काटा है इसका तात्पर्य यह है कि निशंक की उपयोगिता अब भारतीय जनता पार्टी में समाप्त हो चुकी है ,और निशंक के माथे पर एक फेल मुख्यमंत्री और एक फेल सांसद का तमगा उन्हीं की पार्टी ने जड़ दिया है।