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केदानाथ धाम में पहुंचे सबसे ज्यादा तीर्थ यात्री, शीतकाल में यहां होंगे दर्शन

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देहरादून। गंगोत्री-यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के (Kedanath Dham) साथ ही चार धाम यात्रा का भी समापन हो गया है। कपाट बंद होने के बाद अब तीर्थ यात्री अब चारों धामों के शीतकालीन प्रवास में भगवान के दर्शन कर पाएंगे। इस साल 2023 में चार धाम में रिकार्ड 54 लाख तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए। जबकि पिछले साथ चारों धामों के दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या 45 लाख के करीब थी। शनिवार को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही शीतकाल के लिए चारधाम यात्रा बंद हो गई है।

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इससे पहले केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर (Kedanath Dham) को बंद हुए थे, जबकि गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर को तीर्थ यात्रियों के लिए बंद कर दिए गए थे। कमिश्नर कार्यालय के चारधाम कंट्रोल रूम के आंकड़ों के अनुसार इस साल चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की कुल संख्या 54 लाख के करीब थी।

इसमें सबसे अधिक 1961025 लाख से अधिक तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे। बदरीनाथ धाम के दर्शनों के लिए 1835132 लाख से अधिक तीर्थ यात्री पहुंचे। गंगोत्री में 905174 जबकि यमुनोत्री में 735244 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए। पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस साल पिछले साल की तुलना में चारधाम में तकरीबन नौ लाख तीर्थ यात्री अधिक पहुंचे।

शीतकाल में पूजा पांडुकेश्वर में होगी बदरीनाथ। शीतकाल के लिए भगवान बदरी विशाल के कपाट शनिवार को पूजा-अर्चना और विधि विधान के साथ बंद हो गये हैं। अब भगवान बदरी विशाल की पूजा मानवों द्वारा योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में और कुबेर जी की पूजा दर्शन कुबेर मंदिर पांडुकेश्वर में होगी।

बदरीनाथ के वेद पाठी रवीन्द्र भट्ट, जगबीर मेहता, अजीत मेहता ने बताया कि शीतकाल के लिए भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद होने पर भगवान बदरी विशाल के रूप में उद्धव जी की डोली पांडुकेश्वर लायी जाती है।

केदारनाथ-बदरीनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री के शीतकाल में यहां दर्शन भगवान केदारानाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट 15 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं।

कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ की उत्सव डोली ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना हो गई थी। अब शीतकाल में यहीं पर भगवान केदारनाथ के दर्शन होंगे। उधर, मां यमुना की डोली भी अपने शीतकालीन गद्दी स्थल खुशीमठ खरसाली के लिए रवाना हुई थी। जबकि, मां गंगा के दर्शन के अब मुखबा में होगे। शीतकाल में मां यमुना के दर्शन खुशीमठ में होंगे। विश्व प्रसिद्ध भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट भैया दूज के पवित्र मौके पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे।

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