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किशोर बालिकाओं को साइबर सुरक्षा और सशक्तिकरण की दी जानकारी

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देहरादून: टेक्नोलॉजी के दौर में किशोर बालिकाओं की सहायता के लिए (Girls Education Program 2023) शुरू की गई पहल के तहत, रूम टू रीड ने बालिका शिक्षा कार्यक्रम (जीईपी )के तहत उत्तराखंड के देहरादून जिले में साल 2023 के अपने अभियान,   ‘हर कदम बेटी संग, डिजिटल रह बनें सुगम’ चलाया। ज़िले के रायपुर, डोईवाला और सहसपुर ब्लॉकों में 11 अक्टूबर से शुरू हुआ यह अभियान 20 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें जीईपी कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल किए गए 10 स्कूलों और पड़ोसी समुदायों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

एडटेक क्षेत्र की विशेषज्ञ कंपनी ने देवभूमि को अपने कैंपस ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम के तहत शामिल किया है

जीईपी कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल किए गए 10 स्कूलों में किशोरी मेला (Girls Education Program 2023) अभियान का उद्घाटन किया गया, जिसमें किशोर बालिकाओं के लिए साइबर सुरक्षा और सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देते हुए बड़े जोश व उत्साह के साथ इस मेले की शुरुआत की गई। बालिकाओं को प्रेरित करने वाली प्रश्नोत्तरी इस कार्यक्रम के आकर्षण का केंद्र थी, जिसे 4000 से अधिक युवा बालिकाओं को डिजिटल क्षेत्र में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए जरूरी जानकारी तथा साधनों से लैस करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। डिजिटल साधनों का उपयोग करते हुए सकुशल रहने से संबंधित विषयों पर महत्वपूर्ण चर्चाओं में शिक्षकों, अभिभावकों, स्कूल प्रबंधन समितियों (SMC), पंचायती राज संस्थानों (PRIs) और समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया।

जीईपी अभियान 2023 के तहत, इस कार्यक्रम के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ शुरू की गई हैं। सुबह आयोजित की गई सभाओं में  (डिजिटल पथ पर निकले हम) जिंगल की गूँज सुनाई दी, जिसमें 4000 से अधिक बच्चों तथा 250 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। बोल बहन समिति ने 2000 से अधिक लड़कियों और 50 शिक्षकों के लिए क्विज का आयोजन किया, जिसमें सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्मों के सुरक्षित उपयोग पर विशेष ध्यान देते हुए सोचने पर मजबूर करने वाले सवालों को शामिल किया गया था।

सोशल नेटवर्किंग पर एक रोल प्ले के माध्यम से विभिन्न प्लेटफार्मों के फायदों को दर्शाया गया, जिसमें 4000 से ज्यादा बच्चों तथा 250 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। जीईपी की पूर्व-छात्राएँ भी इस मौके पर डिजिटल शिक्षण से जुड़ी सफलता की कहानियों पर अपने विचार साझा करने के लिए एकत्र हुईं, जिसमें बायजू ऐप, उडेमी, कौरसेरा और डुओलिंगो जैसे प्लेटफार्मों पर विशेष बल दिया गया।

इन गतिविधियों के अलावा, सभी के लिए खुले सत्र और फोकस समूह चर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें जीईपी की पूर्व-छात्राएँ और प्रतिभागी शामिल हुईं, और इस अभियान का संदेश 5000 से अधिक अभिभावकों, समुदाय के सदस्यों, बच्चों और युवाओं तक पहुँचा।

साइबर सुरक्षा और डिजिटल अधिकारों पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से ही इस पहल की शुरुआत की गई है। समुदाय के लोगों ने इंटरनेट के सुरक्षित तरीके से उपयोग की शपथ ली, जो इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण परिणाम है, और इस मुहिम के तहत जीईपी के पूर्व छात्र एवं प्रतिभागी अपने-अपने क्षेत्रों में इंटरनेट के सुरक्षित तरीके से उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 5000 से अधिक प्रतिभागियों को सक्रिय रूप से शामिल कर रहे हैं।

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