परमाणु पनडुब्बियां बनाने में फ्रांस देगा भारत का साथ तो US से भी मेगा ड्रोन डील की तैयारी

नई दिल्ली। पीएम मोदी (PM Modi) की अगुवाई वाली सरकार में भारत लगातर सैन्य रूप से ताकतवर हो रहा है। तीनों सेनाओं की क्षमता को सरकार अपग्रेड करने में जुटी हुई है, जिससे पड़ोसी मुल्क चीन और पाक की टेंशन भी लगातार बढ़ रही है।

भारतीय नौसेना ने भी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल को कम करने के लिए अपनी युद्धक क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है। वहीं, यूएस के साथ भी एक मेगा ड्रोन डील हो सकती है।

परमाणु पनडुब्बियां बनाने में मदद करेगा फ्रांस

इस बीच नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए भारत अपने रणनीतिक रक्षा साझेदार फ्रांस के साथ एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है।

दरअसल, हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदु फ्रांस की इमैनुएल मैक्रों सरकार भारत के साथ परमाणु हमलावर पनडुब्बियों के निर्माण पर चर्चा करने और उनका समर्थन करने के लिए तैयार है और भारत को 110 किलो-न्यूटन थ्रस्ट एयरक्राफ्ट इंजन और पूर्ण क्षमता वाले अंडरवाटर ड्रोन के लिए 100 फीसद प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की पेशकश कर रही है।

डोभाल के दौरे के दौरान लग सकती है मुहर

बता दें कि 30 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच पेरिस में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बोने में भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता होने वाली है।

इस वार्ता के एजेंडे में ये रक्षा डील भी शामिल है। डोभाल के मैक्रों से अपनी यात्रा के दौरान मिलने और रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के भारत के प्रयासों के बारे में फ्रांसीसी राष्ट्रपति को जानकारी देने की भी उम्मीद है।

मैक्रों युद्ध को समाप्त करने का समर्थन करते रहे हैं।

US से MQ-9B ड्रोन डील संभव

दूसरी ओर अमेरिका में हो रहे क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर आज पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने द्विपक्षीय वार्ता की। इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच अरबों डॉलर के ड्रोन सौदे को अंतिम रूप दिया गया, क्योंकि मोदी ने बाइडन के साथ दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की।

दोनों नेताओं ने ड्रोन सौदे पर भी विस्तार से चर्चा की।

3 बिलियन डॉलर में खरीदे जाएंगे ड्रोन

दरअसल, भारत अमेरिका से 31 MQ-9B स्काई गार्जियन और सी गार्जियन ड्रोन खरीदने की प्रक्रिया में है। इन ड्रोन को खरीदने की लागत करीब 3 बिलियन डॉलर है। भारत का लक्ष्य सशस्त्र बलों की निगरानी व्यवस्था को बढ़ाना है, खास तौर पर चीन के साथ सीमा पर।

इस सौदे के लिए बातचीत पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से चल रही है। पिछले साल जून में भारत ने अमेरिका से हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों और लेजर-गाइडेड बमों से लैस MQ-9B स्काई गार्जियन और सी गार्जियन सशस्त्र ड्रोन की खरीद को मंजूरी दी थी।