देहरादून: राजकीय इण्टर कालेज मरोड़ा (सकलाना) टिहरी गढ़वाल में शिक्षक (Dr Trilok Chandra Soni) के पद पर कार्यरत वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी जिन्हें पर्यावरणविद् भी कहा जाता है ने दुर्गम में रहते हुए 25 सालो की सेवा पूर्ण कर ली, आज जहां दुर्गम में सेवा करने में लोग कतराते हैं और सुगम के नाम पर देहरादून के लिए जीतोड़ कोशिश करते हैं वही डॉ सोनी जैसे शिक्षक भी है जिन्होंने अपनी 25 वर्षो की दुर्गम सेवा पर बच्चों को मिठाई बाटी और केक काटकर सिल्वर जुबली मनाते हुए जस्न मनाया।
पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी कहते हैं शिक्षा विभाग में 1998 में राउमावि (Dr Trilok Chandra Soni) उर्गम चमोली में पहली नियुक्ति हुई। उस समय हेलंग से 12 किमी पैदल विद्यालय तक पहुचा जाता था इन पच्चीस वर्षो में मैंने राइका नारायण नगर सुनाईं चमोली, टिहरी मोलघर लोस्तु, सुमाड़ी पौड़ी में सेवा की है। सरकार द्वारा निर्धारित दुर्गम जिसकी तीन डी दुर्गम, ई अति दुर्गम, एफ विशिष्ट दुर्गम की श्रेणी बनाई गई थी मैंने तीनो श्रेणियों में अपनी सेवा की हैं और इन भौगोलिक विषमताओं में रहते हुए पर्यावरण संरक्षण, संवर्द्धन व पौधारोपण, मेरा पेड़-मेरा दोस्त, मेरा वृक्ष-मेरा मित्र व पौधे उपहार में देने, दूल्हा दुल्हन को शगुन में पौधे देने का कार्य किया इन कार्यो के लिए मुझे राज्यपाल, मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारो से सम्मानित किया गया।
आज में जो कुछ हु वो अपनी दुर्गम की सेवा की वजह हूं जो आदर संस्कार गांव के लोगो व छात्रों द्वारा दिया जाता हैं उन्हें वया नही किया जा सकता। इन कार्यो में मेरी पत्नी किरन सोनी का मुझे भरपूर सहयोग रहता हैं। प्र0 प्रधानाचार्य अनूप थपलियाल कहते हैं डॉ सोनी मृदुभाषी व अच्छे वक्ता होने के साथ छात्रहित में समर्पित हैं उनका क्षेत्र ही नही प्रदेश, देश में अलग पहिचान हैं। कार्यक्रम में नवीन भारती, राजेंद्र सिंह रावत,मनोज सकलानी, रामस्वरूप उनियाल, राकेश पंवार, पवित्रारानी, अंजना गैरोला, किरन सोनी, अंकिता, पूजा आदि उपस्थित थे।