देहरादून। सामाजिक कार्यकर्ता व कांग्रेसी नेत्री सुजाता पॉल (UTTARKASHI TUNNEL) ने सचिव, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार, मुख्य सचिव, उत्तराखंड सरकार और जिलाधिकारी, उत्तरकाशी को ईमेल के माध्यम से पत्र लिखकर सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को बचाने में अब तक असफलता के मद्देनजर, उत्तराखंड में सुरंग निर्माण और सड़क निर्माण कार्य तब तक रोके जाने की मांग की है जब तक भू वैज्ञानिक दुर्घटना के कारणों और पहाड़ के इलाकों का गहन अध्ययन और मूल्यांकन पूरा ना कर ले।
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12 नवंबर की सुबह जब हादसे से अनभिज्ञ देश दिवाली मना रहा था (UTTARKASHI TUNNEL) सिलक्यारा सुरंग के अंदर भू धसाव की दुर्घटना के कारण 40 मजदूरों की जिंदगी ऐसे खतरे में पड़ गई जिससे वह अब तक बाहर नहीं निकाल पाए हैं। भूस्खलन की स्थितियां एवं कारणों का अध्ययन करने के लिए 12 नवंबर 2023 को 6 सदस्य समिति का गठन यह दर्शाता है कि यदि कोई भू वैज्ञानिक रिपोर्ट पहले से तैयार की गई थी तो वह त्रुटिपूर्ण साबित हुई है।
कंपनी द्वारा लापरवाही बरतने पर कार्यवाही होनी चाहिए। मानव जीवन को हल्के में नहीं लिया जा सकता जैसा कि इन 40 श्रमिकों के मामले में हुआ है जो सुरंग के उसे हिस्से में फंसे हुए हैं जहां भूस्खलन हुआ है। श्रमिकों, उनके परिवारों और नागरिकों को जिस सदमे से गुज़रना पड़ रहा है उसे अब नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता है।
यदि श्रम कानून और पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन किया गया है तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए परंतु इस वक्त सर्वोच्च प्राथमिकता 40 मानव जीवनों की सुरक्षा है और साथ ही भविष्य में ऐसी कोई भी त्रासदी किसी को ना सहनी पड़े, इसके लिए दृढ़ संकल्प के साथ कदम उठाए जाने चाहिए और तब तक के लिए निर्माण कार्य पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगना चाहिए।