पशुपालन का संदेश देता हैं डांडा गोलुदेवता: डॉ सोनी
देहरादून : उत्तराखंड की तपोभूमि जहां प्राकृतिक पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा देती हैं वहीं पशुपालन का संदेश भी देता हैं। गढ़वाल से पहुंचे वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी (Vrikshamitra Dr. Trilok Chandra Soni) व किरन सोनी ने अल्मोड़ा के कलबिष्ट डाडा गोलुदेवता मन्दिर में पूजा अर्चना कर मंदिर के पुजारी को पौधा उपहार में देकर देववृक्ष बेलपत्र के पौधों का रोपण मंदिर परिसर में किया।
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पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी कहते हैं उत्तराखंड की तपोभूमि ऐसी है यहां के देवी देवता, रीति रिवाज व परम्पराएं कोई न कोई संदेश देते हैं कहा जाता हैं कल्याण सिंह बिष्ट जिन्हें कलबिष्ट देवता के नाम से जाना जाता हैं (Vrikshamitra Dr. Trilok Chandra Soni) वे पशु पालते थे और दूध का व्यापार किया करते थे उस समय के लोग पशुपालन का कार्य कर अपना भरण पोषण किया करते थे जो आज धीरे धीरे समाप्त की ओर हैं। आज हमने कल बिष्ट मंदिर में पौधारोपण किया ताकि देव स्थलो में हरियाली बनी रहे।
पंडित हेमदत्त कांडपाल ने कहा पत्थरों की शिलाएं ये प्रेरणा देते हैं कि उस समय भी हमारे पूर्वज पशु पालन का कार्य करते होंगे। किरन सोनी ने अपने देव स्थलों को स्वच्छ बनाने की अपील करते हुए कहा हमारी यह भूमि कई प्रेरणाओं से भरी हैं बस हमें उनका अनुकरण करना है।
वही केएल टम्टा ने कहा हमारे पीढ़ी को ऐसे देवस्थानों से प्रेरणा लेनी चाहिए ताकि हमारे धरोहरो का महत्व बना रहे। पौधारोपण में प0 ललित मिश्रा, राजेन्द्र बिष्ट, लक्ष्मण सिंह, दीवान राम, गोविन्द राम, निखिल, हेमा देवी आदि थे।