देहरादून। देहरादून(Graphic Era University) में इतिहास लिखा जाएगा। ये मौका होगा (Graphic Era University) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुभवों पर आधारित पुस्तक रेजिलिंएंट इंडिया के विमोचन का और छठे विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन का। विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन (डब्लूसीडीएम) चार दिन चलेगा। इसमें करीब 70 देश भागीदारी करेंगे।
ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के सिल्वर जुबली कनवेंशन सेंटर में इस महत्वपूर्ण विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन का श्रीगणेश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कल (28 नवम्बर) सुबह 11 बजे करेंगे। सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुभवों पर आधारित पुस्तक रेजिलिंएंट इंडिया का विमोचन करेंगे। इस पुस्तक में बताया गया है कि किस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के आपदा प्रबंधन मॉडल को बदल कर ज्यादा प्रभावी बनाया है।
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छठे विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन का देहरादून में (Graphic Era University) आयोजन प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त उत्तराखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते भूस्खलन, बादल फटने जैसी आपदाओं से प्रभावित उत्तराखंड को विश्व के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कार्य कर चुके विशेषज्ञों के जरिये इस सम्मेलन से काफी लाभ मिलने की उम्मीद है। आपदाओं के दौर में जिस तरह राज्य सरकार और उत्तराखंड के लोग विषम परिस्थितियों में कठिन परिश्रम, अदम्य साहस और धैर्य से कार्य करके हालात का सामना करते आये हैं, ये विशेषताएं इस सम्मेलन की विषय वस्तु को कहीं ज्यादा उपयोगी बनाती हैं।
आपदाओं का सामना करने की दृढ़ इच्छाशक्ति, आत्म विश्वास और सरकार की गंभीरता व संवेदनशीलता को आपदा प्रबंधन में कुशलता का पर्याय माना जाता है। छठे विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन में करीब 70 देशों के आपदा क्षेत्र में कार्य करने और रणनीति बनाने वाले शीर्ष वैज्ञानिक, विशेषज्ञ, शिक्षाविद, नीति निर्धारक और शोधकर्ता शामिल होंगे। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया में आपदाओं पर हुए अध्ययनों, शोध और अनुभवों को साझा किया जाएगा तथा आपदाओं का समग्र समाधान खोजने के प्रयास होंगे। चार दिन चलने वाले इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद आपदा प्रबंधन पर देहरादून डिक्लेसेशन जारी किया जाएगा।
माउंटेन इको सिस्टम एंड कम्युनिटीज पर केंद्रित इस वर्ष के विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन का मुख्य विषय स्ट्रेंथनिंग क्लाइमेट एक्शन एंड डिजास्टर रेसिलियंस है। इसके बाद तैयार होने वाले देहरादून डिक्लेसेशन में विश्व स्तर पर आपदा प्रबंधन के संबंध में महत्वपूर्ण विचारों, प्रतिक्रियाओं और सुझावों का संकलन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस सम्मेलन के मुख्य उद्देश्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका मूल उद्देश्य हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र और समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन की चुनौतियों पर चर्चा और उनका समाधान निकालना है। इस सम्मेलन के माध्यम से उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन के लिए अन्तर्राष्ट्रीय शोध और समाधान केंद्र के रूप में विकसित करने के प्रयासों को बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आठ दिसम्बर से शुरू होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 से कुछ ही दिन पहले यह महत्वपूर्ण आयोजन देश और विदेश में सेफ इन्वेस्टमेंट – रेसिलिएंट उत्तराखंड की धारणा को पुष्ट करेगा।
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने इस सम्मेलन को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए इसकी सफलता के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड के लोगों को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम, डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड रेसिलिएंस, अर्लीवार्निंग सिस्टम एंड प्रिपेरडनेस, रिस्पॉंस, रिकवरी और आपदा के बाद किए जाने वाले पुनर्वास व पुनर्निर्माण कार्यों पर चर्चा की जाएगी। इस सम्मेलन को उत्तराखंड को विश्व पटल पर स्थापित करने की एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है।