बोर्ड एग्जाम: कक्षा 10वीं-12वी में फेल होने वाले छात्रों की अब नहीं रुकेगी पढ़ाई

Board Exam 2025

नई दिल्ली। दसवीं और बारहवीं में फेल होने वाले छात्रों से स्कूल (Board Exam 2025) अब किनारा नहीं कर सकेंगे। न ही उन्हें नियमित छात्र के रूप में दाखिला देने से मना कर पाएंगे। शिक्षा मंत्रालय ने दसवीं और बारहवीं में फेल होने वाले छात्रों की पढ़ाई जारी रखने के लिए पहल तेज की है। इसके तहत स्कूल उन्हें नियमित छात्र के रूप में दाखिला देंगे और उनके लिए नियमित कक्षाएं भी आयोजित कराऐंगे। वहीं उन्हें दिए जाने वाले प्रमाण पत्रों में भी कहीं भी उनके फेल होने या फिर एक्स छात्र जैसा कोई जिक्र भी नहीं रहेगा।

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इस वजह से लिया बड़ा फैसला
शिक्षा मंत्रालय ने यह पहल उस समय तेज की है, जब देश में (Board Exam 2025) हर साल औसतन 46 लाख छात्र दसवीं और बारहवीं में फेल हो जाते है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में दसवीं में 27.47 लाख और बारहवीं में 18.63 लाख छात्र फेल हुए थे। इनमें से अधिकांश राज्यों में छात्रों को नियमित छात्र के रूप में दाखिला नहीं दिया गया। ऐसे में फेल होने वाले करीब 55 फीसद छात्रों ने दोबारा कहीं भी दाखिला नहीं लिया। माना जा रहा है कि इन छात्रों ने पढ़ाई छोड़ दी और दूसरे काम धंधों में लग गए।

नियमित छात्र के रूप में दाखिला मिलेगा
मंत्रालय का मानना है कि यदि फेल होने वाले इन छात्रों पर ध्यान दिया जाए, तो इनमें से अधिकांश पढ़ाई जारी रख सकते है और अपने भविष्य को नए सिरे संवार सकते है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक आंध्र प्रदेश ने दसवीं और बारहवीं में फेल होने वाले छात्रों के लिए कुछ ऐसी ही पहल शुरू की है। जिनमें उन्हें स्कूलों में फेल होने के बाद फिर से नियमित छात्र के रूप में दाखिला दिया जा रहा है।

जल्द ही निर्देश जारी करने की तैयारी
मंत्रालय का मानना है कि स्कूली छात्रों के तैयार किए जा रहे पहचान पत्र से इसमें और आसानी होगी। क्योंकि इसके जरिए छात्रों को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। सूत्रों की मानें तो इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को जल्द ही निर्देश जारी करने की तैयारी है।

राज्यों से इससे जुड़ी तैयारी करने का सुझाव
मंत्रालय की कोशिश है कि स्कूलों में दाखिला लेने के बाद छात्र जब तक बारहवीं पास नहीं हो जाएगा, तब तक उस पर नजर रखी जाएगी। इसके साथ ही जो छात्र फेल होने के बाद नियमित छात्र के रूप से पढ़ाई नहीं करना चाहते है, उनके लिए ओपन स्कूल जैसे विकल्प भी मुहैया कराने की सुझाव दिया जाएगा। मौजूदा समय में एक राष्ट्रीय ओपन स्कूल बोर्ड (एनआइओएस) सहित कई राज्यों के अपने ओपन बोर्ड भी है। बाकी राज्यों से इससे जुड़ी तैयारी करने का सुझाव दिया गया है।