विरासत मेले(Virasat Art & Heritage Festival-2024) में आकर्षक साज सज्जा के सामान, फर्नीचर, फूड्स, ड्राई फ्रूट आइटम और आकर्षक नक्काशी का सामान
देहरादून- विरासत महोत्सव(Virasat Art & Heritage Festival-2024) में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारतीय संस्कृति की परंपरा आज विश्व भर में बड़े पैमाने पर बढ़ी है, जो कि वास्तव में भारत के लिए सौभाग्य की बात है I उन्होंने कहा कि भारत का जनमानस इन सांस्कृतिक धरोहरों से निरंतर जुड़ना चाहिए, ताकि यह हमारे देश की धरोहर निरंतर आगे बढ़ती रहे I केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने यह भी कहा कि रिच संस्था पिछले 35 – 40 वर्षों से निरंतर सांस्कृतिक विरासत को संजोती हुई आ रही है जो कि वास्तव में सराहनीय एवं सौभाग्य की बात है I
ऐसी संस्थाएं बहुत कम होती है I इसलिए रिच संस्था वास्तव में बधाई की पात्र है I उन्होंने कहा कि पिछले दिनों ही दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय भारतीय नृत्य कार्यक्रम का 6 दिवसीय कुंभ महोत्सव का आयोजन किया गया था, उसमें भी बहुत सी नामी लोक नृत्यांगनाएं एवं सांस्कृतिक कलाकार जुटे थे और सभी को उन्हें सुनने का सौभाग्य मिला था I उन्होंने आह्वान किया कि देश की सांस्कृतिक धरोहर को समेटे हुए इसे निरंतर आगे बढ़ाया जाएI पियानो के जादूगर माने जाने वाले ब्रायन सिलास की यादगार शाम की शुरुआत होने से पूर्व आज की सांस्कृतिक संध्या(Virasat Art & Heritage Festival-2024) का विधिवत शुभारंभ केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दीप प्रज्वलित कर किया I
इससे पूर्व पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने Virasat Art & Heritage Festival-2024 कलाकारों को सम्मानित किया I इस अवसर पर उनके साथ रिच संस्था के महासचिव आरके सिंह, विजयश्री जोशी भी उपस्थित रहे I विरासत महोत्सव-2024(Virasat Art & Heritage Festival-2024) के प्रांगण में आज ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ वर्षों पुरानी सुसज्जित एवं आकर्षित करने वाली भिन्न-भिन्न मॉडलों की कारें आकर्षण का केंद्र बनी रहीं I इस आकर्षण में पुराने दुपहिया वाहन भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने भी अपना प्रदर्शन किया I पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने आयोजित इस Virasat Art & Heritage Festival-2024 विंटेज कार रैली व दुपहिया वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया I
इस(Virasat Art & Heritage Festival-2024) दौरान कोश्यारी के साथ हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर आईपी सक्सेना, रिच संस्था के महासचिव आरके सिंह, सुनैना अग्रवाल, विजयश्री जोशी मुख्य रूप से उपस्थित रहे I आज सुबह से ही विरासत महोत्सव के विशाल पंडाल वाले ग्राउंड में वर्षों पुरानी दर्जनों कारें अलग-अलग आकर्षक अंदाज में नजर आई I यही नहीं, सड़कों पर कभी दौड़ लगाने वाले सालों पुराने दुपहिया वाहनों ने भी विंटेज कार रैली में अपनी हाजिरी देकर लोगों को आकर्षित एवं आश्चर्यचकित कर दिया I
विंटेज कार रैली विरासत महोत्सव के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्टेडियम से चलकर जिन जहां-जहां मार्गो से होकर निकल रही थी वहां वहां लोग वर्षों पुरानी कारों एवं दोपहिया वाहनों को देखकर बेहद आकर्षित एवं आश्चर्यचकित हो रहे थे I भिन्न-भिन्न मार्गो से होकर राजपुर रोड स्थित पैसिफिक मॉल के पास यह रैली पहुंची और वहां से वापस होते हुए अपने विरासत महोत्सव(Virasat Art & Heritage Festival-2024) पहुंच कर संपन्न हुई I विंटेज कार रैली में मुख्य रूप से शानदार एवं आकर्षक नज़ारों के रूप में यूं तो सभी ओल्ड इज़ गोल्ड के रूप वाली ये कारें अपना प्रदर्शन करती हुई नजर आई, वहीं अपने अलग ही अनोखे अनोखे अंदाज में पुराने दो पहिया वाहन भी अपना प्रदर्शन करने एवं सड़कों पर सरपट दौड़ लगाने में पीछे नहीं रहे I
लेकिन कुछ कारें तो अलग ही आकर्षण का केंद्र बनी रही, जिनमें विशाल अहमद की सन 1942 मॉडल वाली कार के प्रदर्शन के अलावा सगीर अहमद की 1948 मॉडल का वाहन यूएसजे-8577 व विजय अग्रवाल की फोर्ड गाड़ी एवीएच-600 खास मेहमान के रूप में Virasat Art & Heritage Festival-2024 विंटेज कार रैली में शामिल रहीI (Virasat Art & Heritage Festival-2024) विंटेज कार रैली में 42 दुपहिया वाहनों तथा 22 कारों ने अपना शानदार प्रदर्शन किया I
अभिषेक लाहिड़ी के सरोद, सुर-ताल पर लय बद्ध हुए ‘विरासत के मेहमान’ (Virasat Art & Heritage Festival-2024)
सरोद की दुनिया में अभिषेक लाहिड़ी का नाम बड़े ही अदब और प्रमुखता के साथ लिया जाता है I उनकी आज विरासत महोत्सव(Virasat Art & Heritage Festival-2024) में सांस्कृतिक संध्या के दौरान हुई प्रस्तुति बहुत ही आकर्षक एवं मन और दिल को छू लेने वाली रही I संगीतकार की दुनिया के मशहूर माने जाने वाले संगीतकार अभिषेक लाहिड़ी ने सरोद पर अपनी मनमोहक प्रस्तुति देकर सभी का दिल जीत लिया I उनके साथ कुशल तबला वादक पंडित शुभ महाराज भी रहे। दोनों की ही जुगलबंदी से विरासत महोत्सव(Virasat Art & Heritage Festival-2024) का माहौल लयबद्ध हो गया I उन्होंने राग केदार से अपनी प्रस्तुति की शानदार शुरुआत की I
राग चारुकेशी में परिवर्तित हुए और मिश्र पीलू में एक सुंदर धुन के साथ अभिषेक लाहिड़ी के सरोद का शानदार रूप में समापन हुआ। अभिषेक लाहिड़ी पुणे के एक संगीतमय समृद्ध माहौल में जन्मे I उन्होंने अपने पिता और मैहर सेनिया घराने के गुरु पंडित शेखर बोरकर के संरक्षण में सरोद पर खुद को स्थापित करने से पहले मात्र चार साल की उम्र में गायन और तबला में प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उन्होंने कठोर और गहन प्रशिक्षण लिया। मुख्य बात यह है कि दस साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसके लिए युवा अभिषेक लाहिड़ी को संगीत के कई पारखी लोगों द्वारा उनके विद्वत्तापूर्ण प्रदर्शन के लिए सराहना मिली।
उन्हें 11 वर्ष की आयु में सीसीआरटी (भारत सरकार) द्वारा स्थापित राष्ट्रीय प्रतिभा छात्रवृत्ति से सम्मानित भी किया गया और बाद में उन्हें उत्कृष्ट युवा विद्वानों के लिए उनके कई शिविरों में भाग लेने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। उन्होंने महाराष्ट्र और उसके आसपास कई संगीत प्रतियोगिताएं जीतीं। बालोध्यान पहल के तहत उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए कई यादगार कार्यक्रम प्रस्तुत किए। उन्होंने 2008 में 16 साल की उम्र में प्रतिभा नाम से अपनी पहली एकल सीडी जारी की। सफलता की बुलंदियों को छूते हुए 2015 में वे इंदौर में आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव में पुरस्कार विजेता रहे, साथ ही 2016 में मैसूर में भी विजेता रहे।
उन्होंने 2016 में ही संस्कृति मंत्रालय द्वारा स्थापित वरिष्ठ छात्रवृत्ति भी प्राप्त की। उन्हें 2019 में गणसरस्वती किशोरी अमोनकर युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। एक बहुमुखी संगीतकार अभिषेक 2002 से पेशेवर रूप से प्रदर्शन कर रहे हैं। तब से वे कला के छात्र और एक सक्षम कलाकार दोनों के रूप में विभिन्न प्रतिष्ठित संगीत समारोहों में भाग लेते रहे हैं। अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए आज अभिषेक की प्रस्तुतियाँ हिंदुस्तानी संगीत की सरोद, सितार और गायन शैलियों के अनूठे मिश्रण की विशेषता रखती हैंI शुरुआती प्रशंसा और मंच ने उन्हें नियमित अभ्यास और कठोर रियाज़ से दूर नहीं होने दिया। उनका पहला एल्बम, “प्रतिभा” 2009 में रिलीज़ हुआ I
पियानो के ‘जादूगर’ ब्रायन सिलास का ‘विरासत की महफिल’ में चला जादू, सभी हो उठे ‘मग्न मय’
प्रसिद्ध पियानोवादक ब्रायन सिलास ने आज विरासत(Virasat Art & Heritage Festival-2024) में अपनी मधुर पियानो वादन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गिटार पर जयदीप लखटकिया और तबले पर तुलसी माधव के साथ, यह प्रस्तुति सुर और लय से गूंज उठी, जिसने उपस्थित सभी लोगों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। “अजीब दास्तां है ये…..कहां शुरू, कहां खत्म……..”चौधवी का चांद हो…… या आफताब हो…….. खुदा की कसम तुम लाजवाब हो……
‘ब्रायन सिलास’ की पियानो को बजाकर दी गई इस शानदार सुर-संगीत की शानदार प्रस्तुति पर ही श्रोतागण मगन-मुग्ध हो उठे I अन्य गीत-संगीत को सुनकर भी श्रोतागण काफी देर तक अपनी-अपनी कुर्सियों पर बैठे और खड़े होकर झूमते हुए नजर आए I ब्रायन सिलास एक भारतीय पियानो वादक हैं, उन्हें संगीत में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित यश भारती पुरस्कार भी मिल चुका हैं। पियानो के जादूगर ब्रायन सिलास की वाद्ययंत्र में महारथ हासिल करने का अदम्य जुनून ही उन्हें एक महान कलाकार बनाती हैं।
ब्रायन के प्रारंभिक वर्ष कानपुर में संगीत परंपरा से जुड़े एक परिवार में बीते I अपने माता-पिता के आग्रह के बावजूद भी उन्होंने संगीत में कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया I जैसे-जैसे ब्रायन बड़े हुए, संगीत की दुनिया उनके लिए देवी बन गई, जिसने उन्हें लगातार मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। पियानो के साथ उनके जुड़ाव को लेकर ब्रायन को भारत और विदेशों में दर्शकों से प्रसिद्धि और प्रशंसा मिली। ब्रायन को भारत के 51वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर न्यूयॉर्क के यूएन हॉल में पियानो की प्रस्तुति प्रदर्शन के लिए निमंत्रण से सम्मानित किया गया। उन्होंने बिल क्लिंटन के सामने न्यूयॉर्क के रॉकर फ़ेलर सेंटर में इंडो-अमेरिकन सोसाइटी में भी अपनी प्रस्तुति देकर भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया है ।
वह ब्रिटेन में भारतीय कमिशन के लिए भी प्रस्तुति दे चुके हैं। यही नहीं, उन्होंने अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, मध्य पूर्व, यूरोप और मॉरीशस में कई सफल आयोजनों में भी अपना सहयोग दिया। ब्रायन सिलास के लिए उनका संगीत उनके लिए एक स्तुति है जो की रोमांस, दर्शन, खुशी या उदासी और संगीत के सभी पहलुओं को शामिल करता है। ब्रायन के संगीत में जो कुछ भी उत्कृष्ट है, उसका सार खूबसूरती से दर्शाया है। उन्होंने 20 से भी अधिक एल्बम रिलीज़ की हैं। उन्होंने सांस्कृतिक और सामाजिक संवेदनशीलता के प्रति जमीनी स्तर पर पुलिस के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में पुलिस कर्मियों को शिक्षित करने के लिए“कोर“ नामक एक गैर सरकारी संगठन द्वारा आयोजित एचआईवी एड्स के बारे में जागरूकता के उद्देश्य का समर्थन किया है।
ब्रायन के दिल में बच्चों के लिए एक विशेष स्थान है और वह विशेष बच्चों के लिए एक संगठन “तमना“ से जुड़े हुए हैं। आज उनकी सभी को सुकून देने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुति एक यादगार के रूप में विरासत की महफिल(Virasat Art & Heritage Festival-2024) में निश्चित रूप से शानदार प्रदर्शन के साथ दर्ज हो गई है I
विरासत मेले(Virasat Art & Heritage Festival-2024) में दीपावली पर्व के लिए हुई जमकर खरीदारी
महिलाओं ने खरीदे आकर्षक साज सज्जा के सामान, फर्नीचर, फूड्स, ड्राई फ्रूट आइटम और आकर्षक नक्काशी का सामान
विरासत महोत्सव 2024(Virasat Art & Heritage Festival-2024) के भव्य आकर्षक मेले में लगे सभी स्टालों पर रविवार को जमकर खरीदारी की गई I मेले में प्रतिदिन अमेरिकन भुट्टा,महाराष्ट्र के फूड आइटम, अफगानिस्तान के ड्राई फ्रूट, दिल्ली की प्रसिद्ध चाट,अन्ना दोसा,चाइनीस फूड,पंजाबी ढाबे के आइटम, तंदूरी चाय, गुजराती फूड,गोली बंटा सोडा, बिहारी व्यंजन, राजस्थानी फूड,कोलकाता का मशहूर काठी रोल फूड आइटम आदि का जहां मेले में आने वाले मेहमान बच्चे, वृद्धजन, नौजवान, खास तौर से महिलाएं पूर्ण ज़ायका ले रहे हैं तो वही खरीदारी भी जमकर की जा रही है I लेकिन दीपावली से दो दिन पूर्व रविवार को विरासत मेले में सुबह से ही खरीदारी होती रही I
(Virasat Art & Heritage Festival-2024) देखते-देखते शाम से लेकर देर रात तक भिन्न-भिन्न स्टालों से लोगों ने अपने घरों के लिए सामान की खरीदारी जमकर कीI बच्चों ने अपने मनोरंजन के सामान की खरीदारी के अलावा फूड आइटम एवं ड्राई फ्रूट का स्वाद लेकर खरीदने में अपने अभिभावक अथवा माता-पिता से जिद रखी, और उसे पूरा करवाया, तो वही खासतौर से महिलाओं ने दीपावली पर्व के लिए अपने-अपने घरों को सजाने, संवारने हेतु आकर्षक साज सज्जा के बेहतरीन सामान की खरीदारी की है I
Virasat Art & Heritage Festival-2024 से महिलाओं ने मुख्य रूप से नक्काशी वाले सामान,पीतल की नक्काशी से लबालब भरे फर्नीचर, घंटियों वाली लड़ियां, पीतल इत्यादि से बनी मूर्तियां,गणेश जी का पीतल से बना झूला, भिन्न-भिन्न प्रकार के पीतल से बने शोपीस, आकर्षक फूलों वाले आर्टिफिशियल गमले, कश्मीर की शॉल व कुर्तियां, शीशे में जड़ी सीनरी, ब्रास से बना सामान, मिट्टी के आकर्षण मजबूत उत्पाद, पेंटिंग की सीनरी आदि की खरीदारी के अलावा और भी अन्य सामान मेले से खरीदने में काफी दिलचस्पी दिखाई I
यही नहीं, महिलाओं ने अपने घरों को आकर्षक एवं खुशियों से भरने के लिए कारपेट की भी खरीदारी करके अपने अपने घरों को पूरी आकर्षक साथ सजा देने की तैयारी कर ली है I विरासत मेले(Virasat Art & Heritage Festival-2024) में रविवार का दिन खरीदारी करने वालों के लिए महत्वपूर्ण रहा I क्योंकि 2 दिन बाद ही दीपावली का खुशियों से भरा पर्व है I सभी लोगों ने अपने घरों को खुशियों से पूरी तरह भरने के लिए खरीदारी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी I